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भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की ऐलान करके सभी को हैरान कर दिया है। दुनियाभार क्रिकेट फैंस 36 वर्षीय कोहली के फैसले के पीछे की वजह को लेकर कयास लगा रहे हैं। कोहली ने अपने 14 बरस के टेस्ट करियर में खेले गए 123 मुकाबलों में 46.85 की शानदार औसत से 9230 रन बनाए हैं। इस आर्टिकल में हम विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की तीन वजहों पर रोशनी डालेंगे।
विराट कोहली के टेस्ट संन्यास लेने के पीछे की वजह
1. नवंबर 2019 के बाद कोहली की लगातार खराब फॉर्म
विराट कोहली का प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट में नवंबर 2019 के बाद औसत रहा है। इससे पहले विराट कोहली ने 2013 से लेकर 2019 के नवंबर तक 27 टेस्ट शतक जड़ दिए थे। और खेले गए 84 मुकाबलों में 54.97 की औसत से 7202 रन बनाए डाले थे। हालांकि उसके बाद से विराट कोहली की टेस्ट फॉर्म लगातार निराशाजनक रही। जिसके चलते कोहली अगले 6 सालों में खेले गए 39 टेस्ट मुकाबलों में 30.72 की औसत 2028 रन ही बना सके।
2. नए WTC की शुरुआत
भारत के अगले इंग्लैंड दौरे के साथ ही भारत अपने नए WTC चक्र की शुरुआत करेगा। जो अगले दो सालों तक चलने वाला है। ऐसे में कोहली इस फॉर्मेट से दूर होना चाहते थे तो यह उसके लिए सबसे उपर्युक्त समय है। ताकि नए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में उनकी जगह लेने वाले नए खिलाड़ी को टीम में अपनी जगह बनाने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
3. भारतीय टीम की भविष्य की योजनाओं में कोहली का ना होना
कई मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया है कि बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में भारत की मिली करारी हार के बाद विराट कोहली टीम की अगली योजनाओं में शामिल नहीं है। जिसके चलते कोहली ने इंग्लैंड दौरे से पहले टेस्ट से संन्यास लेने का फैसला किया।