javagal srinath vs west indies 1994 sportstiger

आज से ठीक 30 बरस पहले आज ही के दिन यानी 22 नवंबर 1994 को भारतीय टीम ने उस समय की खतरनाक वेस्टइंडीज टीम को मुंबई में खेले गए पहले टेस्ट में हराकर बड़ा कारनामा किया था। यह कई बरसों बाद पहली बार हुआ था। इस जीत के साथ भारत ने घर पर लगातार दसवीं जीत दर्ज की। 

भारत ने जवागल श्रीनाथ के हरफनमौला प्रदर्शन के चलते वेस्टइंडीज को हराया

18 नवंबर से 22 नवंबर तक बॉम्बे में खेले गए पहले टेस्ट में भारत ने वेस्टइंडीज को बुरी तरह हराया। पहले बल्लेबाजी करते भारत ने निराशाजनक शुरुआत के बावजूद नयन मोंगिया की 80 रनोंं की शानदार पारी के दम पर पहली पारी में 272 रन बोर्ड पर लगाए। इस दौरान वेस्टइंडजी की ओर से कप्तान कोर्टनी वाल्श ने घातक गेंदबाजी कराते हुए छह विकेट अपने नाम किए।जवाब में बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरी कैरेबियन टीम भी बढ़िया शुरुआत के बावजूद 243 रनों पर सिमट गई।

वेस्टइंडीज के लिए स्टूअर्ट विलियम्स ने सर्वाधिक 49 रनों का योगदान दिया। वहीं भारत की ओर से वेंकटपित राजू ने सर्वाधिक पांच विकेट चटकाए। हालांकि दूसरी पारी में बढ़त के साथ पारी की शुरुआत करने मेजबान टीम की शुरुआत बेहद बुरी रही। भारत ने शुरुआती पांच विकेट महज 88 रनों के स्कोर पर गंवा दिए थे। हालांकि निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आए संजय मांजरेकर ने 66 रनों का योगदान दिया। वहीं दूसरी छोर पर इनका साथ पहले कुंबले ने 42 रन बनाकर और बाद में जवागल श्रीनाथ ने 60 रनों की पारी खेलकर बखूबी दिया। 

जिसके चलते भारत वेस्टइंडीज को जीत के लिए 363 रनों का लक्ष्य दिया। जिसका पीछा करते हुए वेस्टइंडीज के 5 विकेट 82 रन पर गिर गए थे और ऐसा लग रहा था कि टीम मुश्किल में है। हालांकि जिमी एडम्स और जूनियर मरे ने क्रमश: 81 और 85 रनों की पारी खेलकर कैरेबियन टीम को मैच में वापस ला दिया। 

लेकिन उनके आउट होते ही भारतीय स्पिनरों ने वापसी करते हुए पुछल्ले बल्लेबाजों को ढेर कर दिया और 96 रनों से जीत हासिल की। ​​यह भारत की लगातार दसवीं घरेलू टेस्ट जीत थी। वेस्टइंडीज ने मोहाली में सीरीज बराबर की, लेकिन छह महीने बाद उन्हें बड़ा झटका लगा जब उन्हें ऑस्ट्रेलिया ने 1-2 से हराया और 1975 के बाद पहली बार फ्रैंक वॉरेल ट्रॉफी गंवा दी।