भारत के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने आज से 15 बरस पहले आज ही के दिन यानी 4 दिसंबर 2009 को इतिहास रचते हुए क्रिकेट में तीन तिहरे शतक जड़ने का कारनामा करने से वाले दूनिया के पहले बल्लेबाज बनने से चूक गए थे।
वीरेंद्र सहवाग अपने क्रिकेट करियर के दौरान अपनी तेज बल्लेबाजी और पावर-हिटिंग क्षमताओं के लिए जाने जाते हैं। टेस्ट क्रिकेट में भी सहवाग भारतीय टीम को तेज शुरुआत देते थे और बड़े रन बनाते थे। वह टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरे शतक लगाने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं और डॉन ब्रैडमैन, क्रिस गेल और ब्रायन लारा जैसे महान खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल है।
वीरेंद्र सहवाग अपने तीसरे टेस्ट तिहरे शतक से सिर्फ 7 रन से चूके
दरअसल 2 से 6 दिसंबर 2009 को मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में श्रीलंका और भारत के बीच टेस्ट मैच खेला गया था। खेले गए इस मुकाबले की पहली पारी में श्रीलंका ने पहली पारी में 393 रन बनाए, जिसमें तिलकरत्ने दिलशान ने 160 गेंदों का सामना करते हुए 109 रन बनाए थे।
वहीं इस दौरान दूसरे छोर पर खड़े एंजेलो मैथ्यूज अपने शतक से सिर्फ एक रन से चूक गए। वह 99 रन बनाकर आउट हो गए। भारत की ओर से हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा ने क्रमशः 4 और 3 विकेट लिए, जबकि श्रीसंत और जहीर खान को एक-एक विकेट मिला।
श्रीलंका के पहली पारी के 393 रनों के जवाब में वीरेंद्र सहवाग और मुरली ने पहले विकेट के लिए 221 रनों की साझेदारी की। विजय 87 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद सहवाग ने राहुल द्रविड़ (147 गेंदों में 74 रन) के साथ 237 रन जोड़े और टेस्ट क्रिकेट में अपने तीसरे तिहरे शतक के करीब थे।
सहवाग ने 254 गेंदों में 40 चौकों और सात छक्कों की मदद से 293 रन बनाए। और तीसरी तीहरे शतक से चूक गए, अगर वह सात रन बनाते तो सहवाग टेस्ट क्रिकेट में तीन तिहरे शतक लगाने वाले इतिहास के पहले बल्लेबाज बन जाते।
इसके बाद बल्लेबाजी करने आए कप्तान एमएस धोनी 154 गेंदों में 100 रनों पर नाबाद रहे। जिसके चलते भारत ने पहली पारी में 333 रनों की बढ़त लेते हुए 9 विकेट के नुकसान पर 726 रन बोर्ड पर लगाए।
उसके बाद, जहीर खान ने दूसरी पारी में पांच विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया। जिसके चलते श्रीलंका 309 रन पर आउट हो गया और भारत ने एक पारी और 24 रन से मैच जीत लिया।