भारतीय टीम का प्रदर्शन पिछली दो टेस्ट सीरीज में बेहद निराशाजनक रहा है। पिछले साल के आखिरी में घर पर न्यूजीलैंड के हाथोंं 3-0 से सीरीज हारने के बाद भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी 1-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा। इन दोनों सीरीज में भारत के अनुभवी बल्लेबाज रोहित शर्मा और विराट कोहली का बल्ला खामोश नजर आया।
ऐसे में भारत के अनुभवी बल्लेबाजों की खराब प्रदर्शन के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर और पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने भारतीय बल्लेबाजों की जमकर आलोचना करते हुए, विराट कोहली की कमजोरी पर बात की।
विराट कोहली की कमजोरी पर क्या बोल गए योगराज सिंह
विराट कोहली की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद योगराज सिंह ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि "जब आप भारत के लिए खेल रहे होते हैं तो कोच की भूमिका एक महत्वपूर्ण सवाल बन जाती है। जब आप भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले एक शानदार खिलाड़ी होते हैं, तो आपको कोचिंग की आवश्यकता नहीं होती है। आपको वास्तव में मैन मैनेजमेंट के लिए किसी की आवश्यकता होती है। कभी-कभी, एक खिलाड़ी का दिमाग ब्लॉक हो जाता है। वे रन नहीं बना पाते हैं, या वे बार-बार आउट हो जाते हैं। कोई भी खिलाड़ी कितना भी महान क्यों ना हो, वह खेल से बड़ा नहीं हो सकता। उसकी खराब फॉर्म आ सकती हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "ऐसे समय खिलाड़ियों को किसी ऐसे आदमी की जरूरत होती है जो उन्हें मार्गदर्शन दे, कहे, ‘चलो नेट्स पर चलते हैं और इस कमजोरी पर काम करते हैं।’ जैसे विराट कोहली कई बार अपना पसंदीदा शॉट खेलते हुए आउट हुए । वह गेंद को दाएं हाथ से पुश करते हैं। यह शॉट भारतीय पिचों, इंग्लैंड और अन्य जगहों पर कारगर रहता है, लेकिन कुछ पिचों पर जहां गेंद ज्यादा उछलती है और ज्यादा दूर तक जाती है, किसी को उनसे कहना चाहिए था, ‘विराट, यह शॉट मत खेलो’। बस सीधा खेलो या इस गेंद जाने दो।"
इसके साथ ही योगराज सिंह ने गौतम गंभीर की कोचिंग को लेकर कहा कि "गंभीर एक शानदार क्रिकेटर रहे हैं और उनका दिमाग भी तेज है। उनके पास टीम को आगे ले जाने की काबिलियत है। हालांकि, जहां कोई गलती होती है, वह उसे बताते हैं और ये सही भी है, लेकिन युवा खिलाड़ियों को एक साथ रखने के लिए प्रोपर मैनेजमेंट जरूरी है।